अगर कोई आदमी या कोई आपका पड़ोसी आपकी किसी प्रॉपर्टी या किसी जमीन पर कब्ज़ा कर लेता है तो उसे अवैध कब्ज़ा या प्रतिकूल कब्ज़ा कहा जाता है. जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये ये बहुत सारे लोगो का समस्या होता है और अवैध कब्जे के केस में हमेशा यह देखा जाता है की लोग आपस में लड़ाई झगडा करते है और मारपीट होता है.
अपनी जमीन या अपनी प्रॉपर्टी से अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए आपके पास लड़ाई झगडा से हटकर कई ऐसे कानूनी उपाय है. जिनका इस्तेमाल करके आप अपनी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते है. इस लेख में हम आपको अपनी जमीन से प्रतिकूल कब्ज़ा या अवैध कब्ज़ा कैसे हटाना है इसके बारे में कई तरीके बताएँगे.
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अवैध कब्ज़ा या प्रतिकूल कब्ज़ा क्या होता है?
किसी प्रॉपर्टी owner या जमीन के मालिक के अलावा बिना उसकी स्वेच्छा से किसी दुसरे आदमी के द्वारा उसकी प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा करना जैसे उसके माकन निर्माण करना, उसमे बाड़ी लगाना या ऐसा कोई अन्य कब्ज़ा करने की नियत से किया गया काम अवैध कब्ज़ा कहलाता है. अवैध कब्जे को प्रतिकूल कब्ज़ा या illegal possession कहा जाता है.
आये दिन समाज में लोग अपनी ताकत या संपत्ति का इस्तेमाल करके गरीब और असहाय लोगो की जमीन पर अपना हक ज़माने की फ़िराक से उनकी जमीन पर अवैध या प्रतिकूल कब्ज़ा करते है. ऐसे में आपको उनसे लड़ाई करने की बजे कानूनी तरीके से निपटने में ज्यादा लाभ होता है. हमारे कानून में ऐसे लोगो से निपटने के लिए कई कानून बनाये गए है.
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प्रतिकूल या अवैध कब्ज़ा किस आधार पर किया जाता है ?
किसी प्रॉपर्टी पर उसके मालिक का काबिज होना यह उसका कानूनी अधिकार होता है. लेकिन कई बार लोग किसी दुसरे के प्रॉपर्टी या दुसरे की जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए कई ऐसे दाव अपनाते है और उनकी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करते है. किसी जमीन पर अवैध कब्ज़ा मूलतः दो आधार पर किया जाता है :-
लड़ाई झगडा या गुंडागर्दी के आधार पर अवैध कब्ज़ा :-
किसी निर्बल प्रॉपर्टी owner या जमीन के मालिक को उसके किसी सबल या सक्षम पडोसी की द्वारा अपने बल का प्रयोग करके उसकी जमीन पर जबरन कब्ज़ा किया जाता है और यह बताया जाता है की यह मेरी जमीन है जिसे अवैध या प्रतिकूल कब्जे की श्रेणी में रखा जाता है. इस कब्जे के उदहारण में खेतो में मेड़ो का विस्तार या घरो में बड़ी के विस्तार जैसे मामले हो सकते है.
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कूटरचित या फर्जी दस्तावेजो के आधार पर अवैध कब्ज़ा :-
किसी आदमी द्वारा कूटरचित तरीके से किसी संपत्ति या किसी प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज बनाकर उस प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार साबित करना फर्जी दस्तावेजो के आधार पर प्रतिकूल कब्ज़ा या अवैध कब्ज़ा कहलाता है.
ऐसे सभी मामलो से निपटने के लिए आपराधिक कानून, सिविल कानून पर राजस्व कानून बनाये गए है जनका अनुसरण करके इस सभी चीजों से छुटकारा पाया जा सकता है.
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जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये ?
किसी संपत्ति का मालिक अपनी जमीन पर या अपनी संपत्ति पर अपना मालिकाना हक़ पाने के लिए मुख्यता तीन कानूनों का अनुसरण कर सकता है या सहारा ले सकता है. जिनमे से ये कानून निम्न है:-
प्रतिकूल कब्ज़ा हटाने के आपराधिक कानून
अगर किसी आदमी के द्वारा जबरन किसी संपत्ति पर अपना हक अपनी धौस, गुंडागर्दी या ताकत के बल पर किया जाता है तो इसके लिए आप आपराधिक कानून का सहारा ले सकते है. आपराधिक कानून के अंतर्गत प्रतिकूल कब्ज़ा या अवैध कब्ज़ा से निपटने के लिए मुख्यतः दो प्रकार से कार्यवाही कर सकते है:-
1 – आई.पी.सी धारा 420 के अंतर्गत कारवाही – जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये ?
indian panel code या आई.पी.सी की धारा 420 एक सर्वविदित धारा है. जिसका प्रयोग धोकधाडी लूटमारी या अन्य ऐसे किसी कानून विरूद्ध कृत्य को करने में किया जाता है. अगर किसी आदमी के द्वारा किसी संपत्ति के मालिक या संपत्ति के owner को बलपूर्वक गुंडागर्दी कटे हुए आपराधिक तरीके से उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा किया जाता है. तो indian panel code या आई.पी.सी की धारा 420 धारा के अंतर्गत सम्बंधित पुलिस स्टेशन में इसके विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है.
2 – आई.पी.सी धारा 406 के अंतर्गत कारवाही – जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये ?
indian panel code या आई.पी.सी की धारा 406 की धारा अमानत में खयानत के मामलो में लागू की जाती है. जब किसी आदमी की संपत्ति पर किसी गैर के द्वारा विश्वास पूर्ण तरीके से धोका धड़ी करते हुए उसकी संपत्ति पर प्रतिकूल कब्ज़ा किया जाता है तो इसे संगीन अपराध की द्रष्टि में रखा जाता है और indian panel code या आई.पी.सी की धारा 406 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है. पीड़ित पीड़क के विरूद्ध सम्बंधित पुलिस स्टेशन में प्रतिकूल कब्जे के सम्बन्ध में इस धारा के अंतर्गत शिकायत कर सकता है.
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अवैध प्रतिकूल कब्ज़ा हटाने के सिविल कानून – जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये
भारत में अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए आपराधिक कानून के अलावा सिविल कानूनों का भी सहारा लिया जा सकता है. हाँ ये थोडा कठिन हो सकता है क्योंकि सिविल की प्रक्रिया थोडा जटिल होती है. लेकिन court के आदेश के अनुसार पुलिस बल लेकर अवैध कब्जे में अपना मालिकाना हक प्राप्त किया जा सकता है. इसके अंतर्गत निम्न कानून है:-
1- specific relief act 1963 – विशेष राहत अधिनियम 1963
भारतीय संसद द्वारा बनाया गया यह अधिनियम जिसे specific relief act या विशेष राहत अधिनियम कहा जाता है अवैध कब्जे या प्रतिकूल कब्जे में न्याय पाने के लिए बहुत उपयोगी है. इस अधिनियम की धारा 5 पर धारा 6 के अंतर्गत इस समस्या से निपटने का समाधान है.
1.1 specific relief act 1963 section 5 – विशेष राहत अधिनियम 1963 की धारा 5 :-
इस धारा के अंतर्गत जो आदमी अपनी संपत्ति के शीर्षक से वंचित है उसे उसका अधिकार दिलाने के लिए वह इस act की धारा 5 के अंतर्गत सिविल court में case फाइल कर सकता है.
1.2 specific relief act 1963 section 6 – विशेष राहत अधिनियम 1963 की धारा 6 :-
अगर किसी आदमी को उसकी प्रॉपर्टी या उसकी संपत्ति से बेकब्जा कर दिया जाता है और वह कब्ज़ा किसी वैधानिक तरीके से न किया गया हो , मनमानी तरीके से किया गया हो तो वह अपना अधिकार पाने के लिए इस धारा के अंतर्गत मुकदमा दायर कर सकता है.
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प्रतिकूल कब्ज़ा या अवैध हटाने के राजस्व कानून – जमीन से अवैध कब्ज़ा कैसे हटाये
अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए राजस्व में भी कानून बनाये गए है जिनका इस्तेमाल करके संपत्ति का मालिक अपनी संपत्ति के अवैध कब्जे से छुटकारा पा सकता है. राजस्व में ये कानून SDO/ SDM या तहसीलदार की शक्तियों में निहित होता है. अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए या बेजकब्जा पर आप राजस्व के अंतर्गत निम्न प्रकार के कानूनी कदम उठा सकते है:-
इसके लिए हर राज्य की भूराजस्व सहिंता में अलग अलग धारा के अंतर्गत प्रावधान किया गया है. जैसे मध्य प्रदेश का उदहारण देते हुए मै आपको बताता हूँ –
1 :- मध्यप्रदेश भू-राजस्व सहिंता 1959 की धारा 250 के अंतर्गत:-
मध्यप्रदेश में अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए आप मध्यप्रदेश भू राजस्व सहिंता 1959 की धारा 250 अंतर्गत तहसीलदार के समक्ष यह आवेदन कर सकते है. जिसपर बेजकब्जा हटाने के लिए तहसीलदार आदेश पारित करता है.
इसी प्रकार से आप किसी भी राज्य में अवैध कब्जे के लिए राजस्व में अपने sdm/sdo या तहसीलदार के पास आवेदन कर सकते है.
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अवैध कब्ज़ा हटाने का आवेदन कैसे बनाये ?
राजस्व कानून के अंतर्गत अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए निम्न प्रकार से आवेदन तैयार किया जा सकता है:-
समक्ष-न्यायालय श्रीमान् तहसीलदार महोदय ........... जिला .........(म.प्र.) रा.प्र.क्रमांक............................................. ................... पति/पिता................................ उम्र लगभग ........... वर्ष निवासी ग्राम .............. तहसील ............ जिला ........... (म.प्र.) ....................आवेदक विरूद्ध ........................................................... ............................................................ ...................अनावेदक
आवेदन पत्र वास्तेः- अंतर्गत धारा 250 म.प्र.भू.राजस्व संहिता 1959
महोदय,
निवेदन है किः-
1- यह कि आवेदक एवं अनावेदक उपरोक्त पते के स्थाई निवासी है।
2- यह कि ग्राम ……….. प.ह.नं. …… रा.नि.मं. ………….. तहसील ………….. जिला ……….. में स्थित भ्ूामि खसरा नं. …………… रकवा क्रमशः ……………… हे. भूमि राजस्व रिकार्ड में आवेदिका/आवेदक के पति/पिता ……………………………. के नाम पर राजस्व अभिलेखो में भ्ूामिस्वामी स्वत्व पर दर्ज है।
3- यह कि उक्त कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित भूमि आवेदिका/आवेदक के पति/पिता को शासकीय पट्टे पर प्राप्त भूमि है जो वर्तमान में रिक्त पड़ी हुई है।
4- यह कि अनावेदक द्वारा आवेदिका/आवेदक के पति/पिता की उक्त वर्णित भ्ूामि खसरा नं. ………………. रकवा …………………… हे. के अंशभाग रकवा लगभग 20ग्40 पर भवन निर्माण हेतु सामग्री इकट्ठी कर एवं प्लिंथ का निर्माण कर जबरन कब्जा किया जा रहा है।
5- यह कि अनावेदक द्वारा किये जा रहे जबरन कब्जा व अवैध निर्माण कार्य को रोक जाना न्यायहित में आवश्यक है।
6- यह कि आवेदक मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 250 के तहत आवेदन पत्र के साथ भू-अधिकार ऋण-पुस्तिका की छायाप्रति, खसरा, नक्शा व तलवाना संलग्न कर प्रस्तुत करती है।
// प्रार्थना //
अतः मान्नीय न्यायालय से प्रार्थना है कि आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर उचित कार्यवाही करते हुये कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित भ्ूामि पर अनावेदक द्वारा किये जा रहे जबरन भवन निर्माण पर रोक लगाये जाने हेतु आदेश प्रदान करने की दया करें।
स्थानः- …………………….
दिनांकः- ………………………आवेदक
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