प्रॉपर्टी का सीमांकन कैसे कराये – Demarcation Of Property

प्रॉपर्टी का सीमांकन कैसे कराये :- सीमांकन आपने यह नाम कभी न कभी तो सुना ही होगा. और अगर नहीं सुना तो आपको बता दें की सीमांकन शब्द अपने नाम में ही अपने अर्थ को स्पष्ट कर रहा है जैसे की सीमा का अंकन अर्थात सीमांकन. प्रॉपर्टी या प्लाट के क्षेत्र में किसी भी प्रॉपर्टी या प्लाट की सीमा का अंकन करना जैसे की उसका कुल क्षेत्रफल उसकी कुल लम्बाई और चौड़ाई और उसका पूरा रकबा कितना है ये सब पता लगाना प्रॉपर्टी का सीमांकन कहलाता है. आम बोलचाल की भाषा में सीमांकन को प्रॉपर्टी की नाप करना भी कहा जाता है. तो चलिए चलते है आज देखते है की आप अपने प्रॉपर्टी की नाप या सीमांकन कैसे करवा सकते है.

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प्रॉपर्टी सीमांकन क्या होता है ?

किसी प्लाट या प्रॉपर्टी की चतुर्थ सीमा जैसे उसकी लम्बाई और चौड़ाई का आंकिक और क्षेत्रीय आकलन करके उसकी सीमा निर्धारित करना ही सीमांकन कहलाता है. अगर हम इसे एक उदाहरण से समझे तो मान लीजिये आपने एक प्रॉपर्टी या एक प्लाट को ख़रीदा और उस प्रॉपर्टी या प्लाट की सीमा आपको नहीं पता है इकी या प्रॉपर्टी कहा से कहा तक है तो उसकी नाप करने पर जो उसकी सीमा निकलकर आती है उसे ही सीमांकन कहा जाता है. प्रॉपर्टी या प्लाट के सीमांकन को इंग्लिश में Demarcation भी कहा जाता है.

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प्रॉपर्टी /प्लाट का सीमांकन कौन करता है ?

प्रॉपर्टी या प्लाट के सीमांकन के लिए हर एक राज्य में अपना अपना एक Land Record होता है. इस land record के अनुसार ही उस राज्य में भूमि सम्बंधित सभी काम जैसे प्रॉपर्टी का खरीदी, प्रॉपर्टी का बिक्री, प्रॉपर्टी का डायवर्सन, प्रॉपर्टी का कब्ज़ा इत्यादि सम्बंधित कार्य किये जाते है.

राज्य की Land Record की धारा में ही एक धारा होती है सीमांकन की जिसके अंतर्गत उस राज्य की प्रॉपर्टी या प्लाट का सीमांकन किया जाता है.

किसी भी राज्य में प्रॉपर्टी या प्लाट का सीमांकन उस राज्य के हल्का पटवारी या फिर Revenue Inspector राजस्व निरीक्षक के द्वारा किया जाता है.

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प्रॉपर्टी /प्लाट का सीमांकन के लिए जरूरी दस्तावेज ?

किसी भी राज्य की प्रॉपर्टी या प्लाट के सीमांकन के लिए निम्न दस्तावेजो की जरूरत होती है :-

1- जिस प्रॉपर्टी का सीमांकन करना है उस प्रॉपर्टी के सर्टिफाइड land records जिसे खसरा, नक्शा या किस्तबंदी या जमाबंदी कहा जाता है.

2- प्रॉपर्टी सीमांकन का आवेदन चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन.

3- प्रॉपर्टी सीमांकन शुल्क चालान.

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प्रॉपर्टी का सीमांकन कैसे कराये ?

प्रॉपर्टी या प्लाट के सीमांकन को करने का हर एक राज्य अलग अलग धारा होती है लेकिन प्रोसेस लगभग एक जैसा होता है. जैसे अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो उत्तर प्रदेश land record की धारा के अनुसार ही सीमांकन कराया जायेगा जबकि अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्यप्रदेश land record के अनुसार सीमांकन कराया जायेगा. चलिए आज मै आपको मध्य प्रदेश की प्रॉपर्टी या प्लाट का सीमांकन कैसे कराये ये बताता हूँ.

1 – सबसे पहले आपको जिस प्रॉपर्टी का सीमांकन या नाप करना है उसके सर्टिफाइड documents जैसे की खसरा, नक्शा, या किस्तबंदी निकाल लेवे.

2 – इसके बाद आपको सीमांकन शुल्क जमा करना होता है. जो की प्रॉपर्टी के एरिया पर depend करता है. अगर प्रॉपर्टी का area लगभग 1 एकड़ है तो आपको कम से कम 500 का चालान जमा करना होगा. ये चालान कुछ और नहीं बल्कि सीमांकन शुल्क ही होता है.

3 – इसके बाद आपको एक सीमांकन एप्लीकेशन अपने तहसील के नायब तहसीलदार या फिर तहसीलदार के नाम से बनाना है. जैसा नीचे दिखाया गया है.

समक्ष-न्यायालय श्रीमान् नायब तहसीलदार महोदय ——————– जिला——–(……..)
रा.प्र.क्रमांक/ /अ-12/2020-21

……………. वल्द ………………………………
निवासी ………………………………………..
तहसील …………. जिला ………(………….)
………………………………..आवेदक
विरूद्व

मध्यप्रदेश शासन
………………………………अनावेदक

आवेदन पत्र वास्तेः- अंतर्गत धारा 129 म.प्र.भू.राजस्व संहिता 1959

महोदय,

निवेदन है किः-

1- यह कि आवेदक उपरोक्त पते का स्थाई निवासी है।

2- यह कि ग्राम ……….. प.ह.नं…………..रा.नि.मं. ……………………. तहसील …………………… जिला ………….. में स्थित खसरा ………………………….. रकवा क्रमशः ……………………… हे. भूमि राजस्व रिकार्ड में आवेदक के नाम पर दर्ज है।

3- यह कि आवेदक को उपरोक्त कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित भूमि की सही चतुर्थसीमा ज्ञात न होने के कारण सही चतुर्थसीमा ज्ञान करना चाहता है।

4- यह कि आवेदक अपने आवेदन पत्र के साथ वर्तमान कम्प्यूटर खसरा, नक्शा एवं सीमांकन शुल्क के चालान की प्रति संलग्न कर प्रस्तुत करता है।

// प्रार्थना //

अतः मान्नीय न्यायालय से सादर प्रार्थना है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर उचित कार्यवाही करते हुये कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित भूमि का सीमांकन कराये जाने की दया करें।
स्थानः- ………………………..
दिनांकः- …………………….
आवेदक
जगदीश प्रसाद पटेल

4 – इस आवेदन को आपको प्रिंट निकालकर अपनी जमीन और अपनी सारी जानकारी भरकर सारे दस्तावेज लगाकर तहसीलदार के पास दे देना है.

5- इसके बाद आपके आवेदन पर तहसीलदार आदेश पारित करता है और पटवारी या फिर राजस्व निरीक्षक आपकी जमीन का सीमांकन करने आते है. और आपकी जमीन की चतुर्थ सीमा आपको बताते है.

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c.b. chakrawarty

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