फौती नामांतरण क्या होता है ? – फौती नामांतरण कैसे कराये

फौती नामांतरण क्या होता है ? :- फौती नामान्तरण दो शब्द फौत और नामान्तरण से बना हुआ है जहा पर फौत का मतलब मरना और नामान्तरण का मतलब नाम का अंतरण करना होता है. अर्थात किसी आदमी की म्रत्यु के बाद नाम बदलना नामान्तरण कहलाता है.

प्रॉपर्टी या जमीन के क्षेत्र के फौती नामान्तरण का मतलब किसी भी प्रॉपर्टी owner की death या म्रत्यु के बाद उसकी प्रॉपर्टी को उसके विधिक वारसानो के नाम पर दर्ज करने की प्रक्रिया को फौती नामान्तरण कहा जाता है.

इसे भी पढ़ें :- फ्लैट खरीदने से पहले क्या क्या देखें ?

फौती नामांतरण कब कराया है ?

प्रॉपर्टी owner या किसी भी प्रॉपर्टी मालिक की मत्यु होने के बाद उसकी प्रॉपर्टी उसके पुत्रो या विधिक वारसानो के नाम पर transfer या स्थानांतरित की जाती है ये तो हम सभी जानते है, लेकिन ये प्रक्रिया स्वतः ही नहीं हो जाती है इसको करने के लिए कानूनी रूप से कार्यवाही करनी होती है. फौती नामान्तरण किसी प्रॉपर्टी मालिक की म्रत्यु के बाद ही कराये जा सकता है.

अगर कोई प्रॉपर्टी owner अपनी प्रॉपर्टी की किसी वसीयत या बिना किसी deed को अपने पुत्रो के नाम किये बिना मृत हो जाता है तब उसकी प्रॉपर्टी को उसके पुत्रो या first class के उत्रात्धितकारियों के नाम पर दर्ज कराया जाता है. फौती नामान्तरण करने के लिए जमीन या प्रॉपर्टी owner की म्रत्यु होना जरूरी है. अन्यथा फौती नामान्तरण संभव नहीं है.

इसे भी पढ़ें :- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कैसे कराये ?

फौती नामांतरण क्यों कराया है ?

हर एक आदमी अपनी प्रॉपर्टी को अपने पुत्र या पुत्रियों को देने के लिए या तो उस प्रॉपर्टी या संपत्ति या जमीन का बटवारा करता है या फिर उस प्रॉपर्टी की sale deed या gift deed के माध्यम से उस प्रॉपर्टी को अपने पुत्रो के नाम पर करता है. लेकिन ये सारे काम कोई प्रॉपर्टी owner अपने जीवनकाल में जीवित रहते हुए करता है.

अगर किसी प्रॉपर्टी owner की death अपनी जमीन या अपनी प्रॉपर्टी को बिना अपने पुत्रो या पुत्रियों के बीच बटवारा किये हुए या बिना उनके नाम पर कोई वसीयत किये हुआ हो जाये तो ऐसी स्थिति में पिता की म्रत्यु के बाद पिता की प्रॉपर्टी पुत्रो के नाम दर्ज करने के लिए फौती नामान्तरण किया जाता है. फौती नामान्तर को फौती दाखिल ख़ारिज या मृत नामान्तरण या dead mutation भी कहा जाता है.

इसे भी पढ़ें :- वसीयत कैसे कराये ?

first class के उत्तराधिकारी कौन कौन होते है ?

किसी भी व्यक्ति के first class के उत्तराधिकारी या वारसान उस व्यक्ति के सभी पुत्र और पुत्री और पत्नी होते है. अगर किसी आदमी की म्रत्यु होती है तो सबसे पहले उसकी प्रॉपर्टी पर उसके इन्ही first class के वारसानो की मालिकाना प्राथमिकता होती है. इसके अवाला भाई और भाइयों के लड़के second class के उत्तराधिकारी कहलाते है.

दाखिल ख़ारिज और नामान्तरण में क्या अंतर है ?

बहुत सारे लोगो को यह समझ में नहीं आता है की दाखिल ख़ारिज और नामान्तरण में क्या अंतर होता है. तो आपको बता दे ये दोनों चीज़ एक ही प्रोसेस या एक ही प्रक्रिया को कहा जाता है. दोनों का मतलब प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड से किसी एक का नाम हटा के के दुसरे का नाम दर्ज करने से है.

इसे भी पढ़ें :- प्रॉपर्टी के सत्यापित record कैसे निकाले ?

फौती नामान्तरण के लिए जरूरी दस्तावेज कौन कौन से है ?

dead mutation या फौती नामान्तरण के लिए जरूरी दस्तावेज निम्न प्रकार से है:-

  • 1 – मृत प्रॉपर्टी owner या जमीन के मालिक का म्रत्यु प्रमाण पत्र.
  • 2 – जिस प्रॉपर्टी का फौती नामान्तरण कराना है उसके land record जैसे खसरा नक्शा और किस्तबंदी की सत्यापित प्रतिलिपि.
  • 3 – वारसान सिजरा.
  • 4 – ग्राम प्रधान या पार्षद के लैटर हेड में लिखा प्रमाण पत्र.
  • 5 – आवेदन और राजस्व शुल्क चालान.

इसे भी पढ़ें :- प्रॉपर्टी का सीमांकन कैसे कराये ?

फौती नामांतरण कैसे कराये ? – फौती नामांतरण क्या होता है ?

फौती नामान्तरण कराने के लिए आपके पास दो रास्ते है पहला है ऑनलाइन और दूसरा है ऑफलाइन दोनों माध्यम से आप आवेदन कर सकते है. चलिए आपको फौती नामान्तरण कैसे कराये ये बताता हूँ:-

1 – सबसे पहले आपको ऊपर बताये गए फौती नामान्तरण के लिए जरूरी दस्तावेजो को प्राप्त कर लेना है.

2 – दस्तावेजो को प्राप्त करने के बाद आपको अपने तहसील या अंचल कार्यालय में तहसीलदार के पास फौती नामान्तरण का आवेदन करना है.

3 – आवेदन आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीको से कर सकते है. ऑफलाइन अगर आप करना चाह रहे है तो पहले आपको आवेदन बना लेना है.

4 – इसके बाद आपको सारे documents आवेदन के साथ लगा के अपने तहसील कार्यालय में जमा कर देना है.

5 – आपके आवेदन पर तहसीलदार कारवाही करते हुए पटवारी को जाँच आदेश देते है और पटवारी रिपोर्ट या पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर आपका फौती नामान्तरण कर दिया जाता है.

दाखिल ख़ारिज फौती नामान्तरण का आवेदन कैसे बनाये ?

फौती नामान्तरण का आवेदन निम्न प्रकार से बनाया जाता है:-

समक्षः-न्यायालय श्रीमान् तहसीलदार महोदय ………….. जिला ….(म.प्र.)
राजस्व प्रकरण क्रमांक…….

.................. पति स्व. ...................................... उम्र लगभग ...............वर्ष निवासी ग्राम ............................... तहसील ................़ जिला ...............(..............) .................आवेदिका

विरूद्ध

मध्यप्रदेश शासन

विषय- फौती नामांतरण किये जाने हेतु ।

महोदय,
आवेदक सविनय निवेदन करता है किः-
1- यह कि आवेदक उपरोक्त पते का स्थाई निवासी है।
2- यह कि ग्राम …………………………… प.ह.नं. …………… तहसील ……………………… जिला …………………..(म0प्र0) मे स्थित भूमि खसरा नं0 ………………………………………………………………………………………………. रकबा क्रमशः ………………………………………………………………….. हे0 भूमि राजस्व रिकार्ड में आवेदिका के पति स्व. ……………………………………………………… के नाम पर भूमिस्वामी स्वत्व पर राजस्व रिकार्ड मे दर्ज है।
3- यह कि कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित भूमि के आवेदिका के पति ……………………………………………………………… भूमिस्वामी की मुत्यु हो चुकी है आवेदिका भूमिस्वामी की पत्नि है। उपरोक्त वर्णित कंडिका क्रं0 02 मे भूमि के भूमिस्वामी के पुत्र, पुत्रिया,े पत्नि का सिजरा निम्नानुसार हैः-
सिजरा
………………………………………………………………….. (भूमिस्वामी फौत)
↓ ↓ ↓
पुत्र पुत्री पत्नि
1- ……………. 1-………………….. ………………. 2-…………………
4- यह कि आवेदिका आपने आवेदन पत्र के साथ अपने पति ………………………………………………….. की मृत्यु की पुष्टि हेतु मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन क्रमांक …….. पंजीयन दिनांक ……………… तथा पति ……………………………………….. की मृत्यु की पुष्टि हेतु मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन क्रमांक ………………………… जारी दिनांक ……………………….. की छायाप्रति, सिजरा एवं कम्प्यूटर खसरा, खतौनी की सत्यप्रति संलग्न करता है।
// प्रार्थना //
अतः मान्नीय न्यायालय से प्रार्थना है कि आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर उचित कार्यवाही करते हुये कंडिका क्रमांक 02 में वर्णित ग्राम ............................................... प.ह.नं. ....................... तहसील ............................. जिला कटनी (म0प्र0) मे स्थित भूमि खसरा नं0 ........................................................................................................................ रकबा क्रमशः ....................................................................... हे0 भूमि से स्व. ......................................................... का नाम विलोपित करते हुये उनके विधिक वारसानो का नाम उपरोक्त सिजरानुसार राजस्व अभिलेखो में दर्ज कराए जाने की कृपा करें।
स्थानः- …………………….
दिनांकः- …………………….. आवेदिका

Share With Friends
c.b. chakrawarty

Hello friends! I'm Chandrabhan Chakrawarty, a "Java Full Stack Developer" and passionate blogger and YouTuber. I love learning new things, so I started this blog and YouTube channel. Share your thoughts with us!