सुप्रीम कोर्ट: EWS स्वर्ण आरक्षण का फैसला:- भारत सरकार ने वर्ष 2019 को आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगो को दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10% का आरक्षण प्रदान करने के लिए संबिधान के 103वे संसोधन पर EWS स्वर्ण आरक्षण को लाया था. ews स्वर्ण आरक्षण को 10% reservation भी कहा जाता है.
ews reservation पर संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओ ने इसे संविधान की मूल भावना का उलंघन करार देते हुए ख़ारिज करने की याचिका सुप्रीम court में डाली थी. जिसमे 27 सितम्बर को दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद सुप्रीम court ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. ews स्वर्ण आरक्षण पर सुप्रीम court ने आज अपना फैसला सुना दिया है. जिसमे क्या कहा गया ? क्या स्वर्ण आरक्षण को ख़त्म किया गया? क्या स्वर्ण आरक्षण पहले की तरह रहेगा ? ये सब इस लेख में आप जानेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट: EWS स्वर्ण आरक्षण का फैसला
27 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में तत्कालीन अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित वरिष्ठ वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
जस्टिस बेला एम् त्रिवेदी, और जस्टिस दिनेश पादरीवाला, जस्टिस दिनेश महेश्वरी ने ews आरक्षण पर अपनी एक राय जताई है और कहा है की ews आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उलंघन नहीं करता है. समाज के गरीब तबके के लोगो को आंगे ले जाने का दायित्व सरकार का है. sc st और obc को पहले से ही भरपूर आरक्षण का लाभ मिल रहा है उन्हें ews आरक्षण से बहार रखना किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा.
इसके विपरीत cji जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविन्द्र भट्ट की राय अलग है. जस्टिस रविन्द्र भट्ट ने ews स्वर्ण आरक्षण पर अपनी असहमति जताते हुए कहा की ये इंदिरा सहनी vs स्टेट ऑफ़ इंडिया के फैसले में तय की गई 50% आरक्षण की सीमा का उलंघन करता है और अगर आर्थिक रूप से ews आरक्षण की व्यवस्था की गई है तो इससे sc st और obc समुदाय को बहार रखना भेदभावपूर्ण है.
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जस्टिस रविन्द्र भट्ट के इस फैसले पर cji जस्टिस यूयू ललित ने अपनी सहमती जताते हुए कहा की वो जस्टिस रविन्द्र भट्ट के फैसले से सहमत है और ews reservation को समाप्त करना होगा.
ews reservation पर सुप्रीम court के 3:2 के अनुपात में फैसला आया और अंततः बहुमत के आधार पर जस्टिस बेला एम् त्रिवेदी, और जस्टिस दिनेश पादरीवाला, जस्टिस दिनेश महेश्वरी ने ews आरक्षण पर की राय पर सुप्रीम court ने मुहर लगा दी और ews reservation को सही करार देते हुए इसे पहले की तरह जारी रखने का आदेश दिया.
10% EWS reservation पर सुप्रीम court जजों ने क्या कहा ?
स्वर्ण आरक्षण ews पर सुप्रीम court के जजों की 3:2 की क्या क्या राय रही चलिए आपको वो बताते है:-
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जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की ews आरक्षण पर फैसला :- सुप्रीम कोर्ट: EWS स्वर्ण आरक्षण का फैसला
नयायमूर्ति जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने कहा की संविधान के 103वे संसोधन की संवैधानिक वैधता को बरक़रार रखती हूँ. इससे संविधान के किसी भी मूल ढांचे का उलंघन नहीं होता है. समाज के गरीब तबके को आंगे ले जाना सरकार का दायित्व है और ews आरक्षण पूर्ण से है. इससे sc st और obc को पहले से ही भरपूर आरक्षण का लाभ मिल रहा है उन्हें ews आरक्षण से बहार रखना किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा.
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न्यायमूर्ती दिनेश माहेश्वरी ews आरक्षण पर फैसला :- सुप्रीम कोर्ट: EWS स्वर्ण आरक्षण का फैसला
जस्टिस दिनेश महेश्वरी की राय जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की राय से सहमत है. जस्टिस दिनेश महेश्वरी ने कहा की यह इक्वलिटी कोड यानि समानता सहिंता का उलंघन नहीं है. यह वंचित वर्गों को मुख्या धारा में शामिल करने का एक साधन है. sc st और obc को आरक्षण का लाभ पहले ही मिल रहा है ews कोटे से उन्हें बहार रखना भेदभाव नहीं है.
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जस्टिस जेबी पारदीवाला ews आरक्षण पर फैसला :-
न्यायमूर्ती दिनेश महेश्वरी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी से जस्टिस जेबी पारदीवाला सहमती जताते हुए कहते है की ews समाज में सामाजिक और आर्थिक असमानता को समाप्त करने का एक साधन है. संविधान के 103 वे संशोधन से बनाये गए इस 10% ews reservation से संविधान का कोई भी उलंघन नहीं होता है.
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न्यायमूर्ती एस. रवींद्र भट ews आरक्षण पर फैसला :-
जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने ews reservation पर असहमति जताते हुए कहा है की हमारा संविधान समाज में बहिस्कार की अनुमति नहीं देता है और यह संसोधन समाज के ताने बाने को कमजोर बनाता है. ews reservation इंदिरा सहनी फैसले में बनाई हुई 50% की सीमा का उलंघन करता है. और इससे अगर आर्थिक रूप से आरक्षण का प्रावधान किया गया है तो sc st और obc को इससे बाहर रखना भेदभावपूर्ण है. यह संसोधन समानता सहिंता पर प्रतिघात करता है उसे चोंट पहुचाता है. हमें इसे समाप्त करना होगा.
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CJI जस्टिस यूयू ललित ews आरक्षण पर फैसला :-
न्यायमूर्ती cji जस्टिस यूयू ललित ने जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट से सहमती जताते हुए कहा की ews reservation को समाप्त किया जाना चाहिए.
एक प्रकार से 5 जजों ने ews पर अपना अपना फैसला सुनाया और फैसला 3:2 के अनुपात में आया जिस पर बहुमत के फैसलों को कायम रखते हुए 10% ews reservation को पूर्व की तरह बनाये रखने पर सुप्रीम court ने अपनी मुहर लगा दी है.