किसी भी प्रापर्टी प्लाॅट या जमीन को खरीदना Property Registration एक बहुत बड़ी बात होती। इंसान अपनी खून पसीने की कमाई से प्रापर्टी प्लाट या जमीन को खरीदता है या किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराता (Property Registration) है। लेकिन वहीं अगर प्राॅपर्टी खरीदते या Property Registration के समय थोड़ी सी भी गलती हो जाए, तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। अगर आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदते है या और उस प्रॉपर्टी का मूल्य 100 रूपए से अधिक है तो आपको उस प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए उस प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन या जिसे Property Registration या land registry process कहा जाता है, के अंतर्गत खरीदना होगा या Property Registration करना होगा।
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना या Property Registration आसान प्रोसेस नहीं होता है । आज के इस आर्टिकल में आपको Property Registration 2024 में कैसे कराना है? किसी भी प्राॅपर्टी को कैसे खरीदना है? कैसे किसी भी प्लाॅट या प्रापर्टी की रजिस्ट्री करानी है? Property Registration में क्या क्या दस्तावेज लगते है ? Property Registration कानूनी प्रक्रिया क्या है? ये सब कुछ पूरी जानकारी आपको बतायेंगे।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री क्या है ? । What is Property Registration ?
Property Registration । प्रॉपर्टी रजिस्ट्री
जब आप किसी भी प्रॉपर्टी प्लॉट या जमीन को किसी से खरीदते है तो उस प्रॉपर्टी प्लाट जमीन का मालिकाना हक़ उस आदमी के नाम पर ट्रान्सफर करने के लिए कानूनी रूप से एक दस्तावेज तैयार किया जाता है जिसे बैनामा या प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कहा जाता है। इसे पंजीकरण अधिनियम की धारा 17 के प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री Property Registration कराना होता है ।
Property Registration में किसी भी प्रॉपर्टी का पंजीकरण करने के बाद स्टाम्प शुक्ल एवं सम्बंधित दस्तावेजो के सत्यापन के बाद प्रॉपर्टी या जमीन जो खरीदने वाले के नाम पर पंजीकृत कर दिया जाता है ।
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क्या प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है ? Is It Mendatory To DO Property Registration ?
अगर आप भारत में किसी भी अचल समाप्ति प्रॉपर्टी जमीन प्लाट को खरीदते है और उसकी कीमत 100 रूपए से जायदा होती है तो उसे आपको property registration act 1908 के अनुसार पंजीकृत कराना ही होता है । इसका मतलब ये है की अगर आप कोई जमीन खरीद रहे है और उसका मूल्य 100 रूपए से अधिक नहीं है तो उसका प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराना जरूरी नहीं है लेकिन अगर उसका मूल्य 100 रूपए से अधिक है तो फिर आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या Property Registration कराना ही पड़ेगा ।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए प्रॉपर्टी के प्रकार ? Type of Property For Property Registration
1- कृषि भूमि की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री । Property Registration Of Agriculture Land
ऐसी प्रॉपर्टी जो की खेती किसानी के काम में आती है उसे कृषि भूमि कहा जाता है। कृषि भूमि को Agricultural Land भी कहा जाता है । कृषि भूमि के पंजीकरण या कृषि भूमि को बेचने या खरीदने के लिए भी आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री Property Registration कराना होता है । ऐसी संपत्ति या प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन या Property Registration भी डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 या Property Registration act 1908 के अनुसार किया जाता है ।
2-आवासीय भूमि की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री। Property Registration Of Residential Land
ऐसी प्रॉपर्टी जो रहने या मकान बनाने के लिए होती है, उसे आवासीय प्रॉपर्टी या Residential Land कहा जाता है । ऐसी संपत्ति में प्लाट मकान इत्यादि शामिल है। आवासीय भूमि के पंजीकरण या आवासीय भूमि को बेचने या खरीदने के लिए भी आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री Property Registration कराना होता है । ऐसी संपत्ति या प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन या Property Registration भी डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 या Property Registration act 1908 के अनुसार किया जाता है ।
2-व्यावसायिक भूमि की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री। Property Registration Of Industrial Land
अगर कोई प्रॉपर्टी किसी उद्यम या फिर फैक्ट्री के लिए काम में लाई जाती है तो ऐसी संपत्ति को व्यापारिक भूमि या Industrial Land कहा जाता है। व्यापारिक भूमि के पंजीकरण या व्यापारिक भूमि को बेचने या खरीदने के लिए भी आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री Property Registration कराना होता है । ऐसी संपत्ति या प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन भी डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 या Property Registration act 1908 के अनुसार किया जाता है ।
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर कानून । Law On Property Registration
भारत में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने और प्रॉपर्टी बेचने के लिए कुछ नियम और कानून बनाये गए है जिनके आधार पर किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की जाती है। ऐसे नियम को प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन एक्ट Property Registration एक्ट कहा जाता है। इन सभी कानूनों के दायरे में ही किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या Property Registration किया जाता है।
भारत में किसी भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या Land Registration या property registration या property registration process या plot registry process या land registry process या property registry process या Land register process या land registry process पर निम्नलिखित कानून लागू होते है –
1- Document Registration Act 1908 । पंजीकरण अधिनियम 1908
अगर कोई किसी प्रॉपर्टी या संपत्ति को खरीदता है और उस संपत्ति (अचल संपत्ति) का मूल्य 100 रूपए से ज्यादा है तो ऐसी संपत्ति का विक्रय पंजीकरण अधिनियम की धारा 17 के अनुसार रजिस्टर्ड करना जरूरी है । अर्थात किसी भी ऐसी प्रॉपर्टी या जमीन की रजिस्ट्री property registration Document Registration Act 1908 के सेक्शन 17 के अनुसार किया जाना चाहिए।
संपत्ति जिनका रजिस्ट्रेशन (Property Registration) करना अनिवार्य है :
- कोई भी अचल संपत्ति जो गिफ्ट या गिफ्ट डीड में मिली हो।
- गैर-वसीयतनामा या लेनदेन जिसमें 100 रुपये से अधिक राशि के लिए एक अचल संपत्ति की बिक्री शामिल है।
- किसी भी अचल संपत्ति की लीज पर।
- ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 की धारा 53 ए में में वर्णित किसी भी प्रकार के उद्देश्य के लिए अचल संपत्ति को ट्रांसफर करने के लिए.
संपत्ति जिनका रजिस्ट्रेशन (Property Registration) करना वैकल्पिक है :
डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 की धारा 18 के अनुसार इन दस्तावेजो का पंजीकरण करना वैकल्पिक हो सकता है जो की निम्न है :
- प्रॉपर्टी की वसीयत
- प्रॉपर्टी या अचल संपत्ति की लीज, जिसकी समय सीमा 12 महीने से ज्यादा न हो .
- अदालत का फैसला या आदेश जिसमें 100 रुपये से कम मूल्य की अचल संपत्ति शामिल है.
- बिक्री का प्रमाण पत्र
- बंधक का समझौता
- वचन पत्र
- राजस्व अधिकारी द्वारा विभाजन का साधन.
- सरकार द्वारा अचल संपत्ति का अनुदान.
- अन्य सभी दस्तावेज़ जो पंजीकृत होने के लिए धारा 17 के अनुसार आवश्यक नहीं हैं।
2- Indian Stamp Act 1889 । भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1889
Property Registration में वे सभी दस्तावेज जिनका पंजीकरण डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के अनुसार किया जाना है को स्टाम्प पर रजिस्टर्ड किया जाना आवश्यक है। जिसका मतलब है की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या Property Registration में स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य है ।
3-संपत्ति-अंतरण अधिनियम 1882 । Property Transfer Act 1882
जब किसी अचल संपत्ति या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या Property Registration कराया जाता है, ऐसे में उस प्रॉपर्टी को संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 या Property Transfer Act 1882 के अनुसार ट्रान्सफर किया जाता है।
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से पहले ध्यान देने वाली बातें । Precautions before property registration
किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी को खरीदने या उसकी रजिस्ट्री करने से से पहले कुछ जरूरी चीज़े है जो की ध्यान से रखना और उनके बारे में जानकारी लेना बहुत ही जरूरी है । प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पहले हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए –
1 – प्रॉपर्टी का प्रकार । Type Of Property
जिस भी प्लाॅट या प्राॅपर्टी को खरीद रहे है या जिस किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने वाले है उसे आप चेक करे की प्राॅपर्टी किस प्रकार की है। मतलब ये किसी की स्वामित्व की प्राॅपर्टी है या कोई नजूल या सरकारी सपत्ति तो नही है? ये आप प्राॅपर्टी के दस्तावेज देखकर पता कर सकते है।
अगर प्राॅपर्टी स्वामित्व कि है, तो फिर ये देखना है कि प्राॅपर्टी मे कितने लोगो का हिस्सा है। क्या प्राॅपर्टी सिर्फ बेचने वाले की है या उसमे उसके भाई बहन का अन्य किसी शामिलखातेदार का भी हक है। और अगर प्राॅपर्टी या प्लाॅट मे अन्य लोगो का नाम भी रजिस्टर्ड है, तो आपको यह क्लीयर करना चाहिए की बेचने वाला क्या अपना हिस्सा बस बेच रहा है? या फिर अन्य लोगो के साथ धोखाधड़ी करते हुए उनका भी हक बेच रहा है। क्योकि अगर ऐसा हुआ तो बाद में प्रॉपर्टी के शामिल खाताधारक अपने हक के लिए कोर्ट केस करते है और फिर समस्या उत्पन्न होती है।
2- प्रॉपर्टी की शुद्धता । Accuracy Of Property
Property Registration या प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में इसका मतलब ये है कि कोई प्लाॅट या प्राॅपर्टी जिसे आप खरीदना चाह रहे है उस प्राॅपर्टी या प्लाॅट को किसी अन्य आदमी को भी तो नही एग्रीमेंट मे या गहननामा मे या किसी अन्य प्रकार के सौदे मे तो नही दिया गया है। इसकी जानकारी आप या तो आसपास के लोगो से पता कर सकते है या फिर इस्तिहार का उपयोग करके पता किया जा सकता है। या फिर पटवारी से सपर्क करके भी पता कर सकते है।
3-ड्यू ऑन प्रॉपर्टी । Loan On Property
प्लाॅट खरीदने या फिर Land Registration से पहले ये देखना बहुत जरूरी है कि खरीदी जानेवाली प्राॅपर्टी मे किसी प्रकार का कोई लोन तो नही है, क्या इस प्राॅपर्टी से किसी भी बैंक से लोन तो नही लिया गया है। और अगर है तो क्या वो चुक्ता किया जा चुका है। इसकी जानकारी आप प्रापर्टी रिकार्ड खसरा से से देख सकते है। जब भी प्राॅपर्टी से लोन लिया जाता है उस प्राॅपर्टी को बैंक की तरफ से बंधक दर्ज कर दिया जाता है।
4- प्रॉपर्टी का मुख्तारनामा । Power Of Attorney On Property
Land Registration या प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से पहले ये चेक करना बहुत जरूरी है की क्या इस प्रॉपर्टी में किसी प्रकार का मुख्तारनामा तो नहीं बनाया गया है ? खरीदी जाने वाली प्राॅपर्टी का कोई पाॅवर ऑफ अटार्नी तो नही है और अगर पाॅवर ऑफ अटार्नी एक्सीक्युट किया गया है तो उसकी लिमिटेशन क्या है। ये आप बेचने वाले से पता कर सकते है।
5- प्रॉपर्टी पर मुकदमा । Legal Litigation On Property
Legal Litigation ये सबसे महत्वपूर्ण चीज है । किसी प्राॅपर्टी को खरीदने से पहले ये देखना कि क्या इस प्राॅपर्टी से संबंधित किसी प्रकार का कोई केस किसी भी न्यायालय मे विचाराधीन तो नही है, अगर ऐसा है तो उसकी डिटेल्स देखे और जब तक उसका फाइनल जजमेंट न आ जाए उस प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री या Property Registration लेना वाजिब नही होगा।
6- Encubrance Certificate
Encubrance Certificate इस बात के लिए होता है यह यह सुनिश्चित करता है की इस प्रॉपर्टी में किसी भी प्रकार का कोई बंधक लोन या कर्ज नहीं है ।
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज । Important Documents For Property Registration
Property Registration के दौरान सबसे ज्यादा लोगो के मन में यह चीज़ होती है की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या Land Registration या फिर Property Registration के लिए किन किन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है । प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए क्या क्या दस्तावेजो की जरूरत होती है और Property Registration के लिए किन-किन दस्तावेजो को लेकर जाना है ये बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए निम्न दस्तावेजो की जरूरत होती है-
- प्राॅपर्टी के सत्यापित दस्तावेज:- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए उस प्रॉपर्टी के सत्यापित दस्तावेज जैसे की खसरा नक्शा खतौनी और किस्तबंदी की जरूरत होती है ।
- प्राॅपर्टी owner का आईडी प्रूफ और 2 फोटो:- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री Property Registration के लिए जिस व्यक्ति से आप संपत्ति खरीद रहे है उसकी आईडी प्रूफ और 2 फोटो की जरूरत होती है ।
- प्राॅपर्टी खरीदार का आईडी प्रूफ और 2 फोटो:-प्रॉपर्टी रजिस्ट्री Property Registration के लिए जो व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीद रहा है, उसकी आईडी प्रूफ और 2 फोटो की जरूरत होती है ।
- प्राॅपर्टी मे खड़े होकर बाॅयर और सेलर की 3 दिशाओ से फोटो ।
- दो गवाह और उनके आईडी प्रूफ ।
- पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी यदि हो तो ।
- No Objection Certificate अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र ।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कैसे करायें ? Property Registration Process
Property Registration या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए ये सारी चीज़े क्लियर हो जाने के बाद आप प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए निम्न स्टेप लेने होते है –
1-प्रॉपर्टी क्रेता और विक्रेता को अपनी सुविधानुसार सारे दस्तावेज लेकर एक दिन अपने तहसील या अंचल कार्यालय जाना होता है। वहा आपको Sub Registrar ऑफिस में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए आवेदन करना होता है।
2 – इसके लिए आपको सर्विस प्रोवाइडर या फिर दस्तावेज लेखक से मिलना होता है। दस्तावेज लेखक आपके सारे दस्तावेज लेकर आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री तैयार करता है।
3- इसके बाद आपको रजिस्ट्रार के सामने गवाहों की उपस्थिति में बयान लिए जाते है की क्या आप इस जमीन को बेचना चाह रहे है ? खरीदने और बेचने वाले की सहमती से रजिस्ट्रार उस जमीन की रजिस्ट्री को पंजीकृत कर देता है।
4-रजिस्ट्रार आपसे पूछेगा क्या आपने प्रॉपर्टी बेचने की राशी प्राप्त कर ली है? अगर आप हाँ करते है तो बेचने और खरीदने वालो और गंवाहो के हस्ताक्षर लेकर रजिस्ट्री को finally approve कर दिया जाता है।
5 – इसके बाद आपको दुसरे दिन sub रजिस्ट्रार ऑफिस से अपनी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री मिल जाती है ।
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प्रॉपर्टी रजिस्ट्री शुल्क गणना कैसे करे ? Property Registration Stamp Duty Calculation
Property registration कराने के लिए आपको स्टाम्प ड्यूटी चुकाना होता है। स्टाम्प ड्यूटी या रजिस्ट्री शुल्क प्रॉपर्टी के प्रकार पर निर्भर करता है जैसे की ग्रामीण प्रॉपर्टी का स्टाम्प शुल्क या स्टाम्प ड्यूटी कम होता है और इसी प्रकार से कृषि भूमि का स्टाम्प ड्यूटी कम होता है। वहीँ अगर बात करें शहर की प्रॉपर्टी की तो उसकी स्टाम्प ड्यूटी ज्यादा होती है और आपको ज्यादा स्टाम्प शुल्क चुकाना पड़ता है।
प्रॉपर्टी के आधार पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या फिर Property registration में लगने वाली प्रॉपर्टी स्टाम्प ड्यूटी या रजिस्ट्री शुल्क की गणना कर सकते है। प्रॉपर्टी स्टाम्प ड्यूटी या स्टाम्प शुल्क कैलकुलेट करने के लिए निम्न स्टेप्स होते है –
1- सबसे पहले आपको आपको स्टाम्प एंड रजिस्ट्रेशन की वेबसाइट में जाना है ।
2- यहाँ पर आपको अपना एक अकाउंट बनाना है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन में क्लिक करके अपना रजिस्ट्रेशन करेंगे।
3- इसके बाद लॉग इन करना है। फिर आपको यहाँ एक आप्शन मिलेगा स्टाम्प शुल्क कैलकुलेशन। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री स्टाम्प शुल्क कैलकुलेट करने के लिए आपको इसी आप्शन में क्लिक करना है ।
4- यहाँ आपको अपने प्रॉपर्टी की डिटेल्स देना है और उस प्रॉपर्टी की स्टाम्प कैलकुलेशन आपके सामने आ जायेगा।
5- अगर आप इससे संतुष्ट नहीं है तो किसी भी सर्विस प्रोवाइडर के पास जाकर आप पता कर सकते है की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में कितना पैसा लगेगा।
अगर आपको ये समझ नहीं आता तो आप नीच दी गई विडियो को देख सकते है –
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के फायदे क्या है ? Benefits Of Land Registration
अगर आप किसी प्रॉपर्टी को खरीद रहे है और उस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा लेते है तो ऐसे में आपको बहुत सारे फायदे होते है जो निम्न है –
1- आप उस प्रॉपर्टी के कानूनी उत्तराधिकारी हो जाते है । जिससे उस प्रॉपर्टी पर आपका कानूनी अधिकार हो जाता है ।
2- किसी भी प्रकार का धोकधाडी या विवाद की स्थिति नहीं रह जाती है ।
3- अगर आप प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा लेते है तो उस पर आपको स्वामित्व हक़ कानूनी रूप से प्राप्त हो जाता है ।
4- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री को आप कर कटौती में भी मेंशन कर सकते है जो की आपको 80c के अन्दर फायदा दिलाता है।
5- प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का इस्तेमाल करके आप किसी भी बैंक से आसानी से लोन ले सकते है।
ऐसे और भी अनेक फायदे है तो आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से मिलते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
रजिस्ट्री कराने में कितना खर्च आता है?प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में कितना खर्चा आएगा ये निर्भर करता है की प्रॉपर्टी किस प्रकार की है और किस इलाके की प्रॉपर्टी है। आप प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में आने वाले खर्चे को खुद से कैलकुलेट कर सकते है।
रजिस्ट्री कराने में क्या क्या लगता है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराने में आपको जो जो डाक्यूमेंट्स लगते है उनका विवरण ऊपर दिया गया है। मूल रूप से क्रेता विक्रेता के आईडी कार्ड फोटो और प्रॉपर्टी के दस्तावेज और गवाहों की जरूरत होती है।
रजिस्ट्री की उम्र क्या है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री वैसे तो किसी भी उम्र में कराई जा सकती है लेकिन अगर खरीदने वाला 18 वर्ष से कम का है तो नाबालिक में प्रॉपर्टी दर्ज की जाती है और बेचने वाला हमेशा 18 वर्ष से ज्यादा होना चाहिए।
जमीन खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?
जमीन खरीदने से पहले आपको कई सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए जो की ऊपर लेख में पूरा विस्तार से बताया गया है ।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए क्या प्रक्रिया है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए आपको ऊपर दिए गए सारी चीज़े चेक करना है और सारे दस्तावेज एकत्र करके रजिस्ट्रार ऑफिस जाना है इसके बाद वहा आपको प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करानी होती है।
क्या प्रॉपर्टी को रजिस्टर कराने की कोई समयसीमा है?
वैसे तो आप कभी भी करा सकते है लेकिन अगर आपने किसी भी प्रकार का अग्रीम्नेट या फिर बांड किया है तो आपको उसके ख़तम होने से पहले करा लेना चाहिए।
संपत्ति के पंजीकरण की समय सीमा क्या है ?
कभी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराई जा सकती है।
भूमि पंजीकरण के लिए किन-किन दस्तावेजो की जरूरत होती है ?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री या Land Registration के लिए लगने वाले सभी दस्तावेज ऊपर लेख में विस्तार से बताये गए है। मूल रूप से क्रेता विक्रेता के आईडी कार्ड फोटो और प्रॉपर्टी के दस्तावेज और गवाहों की जरूरत होती है।
रजिस्ट्री होने के बाद क्या होता है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री होने के बाद दाखिल ख़ारिज होता है ।
जमीन का दाखिल खारिज कौन करता है?
प्रॉपर्टी का दाखिल ख़ारिज तहसीलदार के द्वारा किया जाता है ।
रजिस्ट्री कौन करता है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री रजिस्ट्रार ऑफिस में होती है जहाँ रजिस्ट्रार रजिस्ट्री को करते है लेकिन रजिस्ट्री की प्रिपरेशन सर्विस प्रोवाइडर करते है।
रजिस्ट्री में गवाह कौन हो सकता है?
कोई भी जो 18 वर्ष की उम्र से ज्यादा हो या 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चूका हो।